Titagarh Rail vs Texmaco Rail : भारतीय रेलवे तेजी से फैल रहा है और इसके साथ माल ढुलाई भी बड़ी रफ्तार से बढ़ रही है। जितना ज्यादा माल ढुलाई बढ़ेगी, उतनी ही ज्यादा वैगन बनाने वाली कंपनियों की जरूरत पड़ेगी। इसी वजह से टिटागढ़ रेल सिस्टम्स और टेक्समाको रेल एंड इंजीनियरिंग को एक-दूसरे का सबसे बड़ा मुकाबला माना जाता है। दोनों कंपनियां लंबे समय से वैगन बनाने में आगे रही हैं और दोनों की पकड़ इस मार्केट में काफी मजबूत है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि इन दोनों में से किसकी स्थिति अभी ज्यादा बेहतर दिखाई देती है।
Titagarh Rail Systems
टिटागढ़ रेल एक बड़ी प्राइवेट कंपनी है, जो माल वैगन और पैसेंजर कोच बनाती है। कंपनी के पास करीब 25% मार्केट शेयर है, जो इसे इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में शामिल करता है। यह हर साल लगभग 12,000 वैगन और 300 पैसेंजर कोच बनाने की क्षमता रखती है।
कंपनी का कुल ऑर्डर बुक 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इसके साथ ही वंदे भारत प्रोजेक्ट और व्हीलसेट जैसे बड़े काम भी कंपनी के हिस्से में हैं। हालांकि, सितंबर 2025 में कंपनी के रेवेन्यू में बड़ी गिरावट आई और मुनाफा भी काफी कम हुआ। इसके बावजूद कंपनी का कर्ज बहुत कम है और इसके शेयरों ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त रिटर्न दिया है।
Texmaco Rail & Engineering
टेक्समाको भारत के वैगन मार्केट का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है। इसका मार्केट शेयर करीब 30% से भी ज्यादा है, जो इसे बहुत मजबूत बनाता है। कंपनी हर साल लगभग 15,000 से 16,000 वैगन बनाने की क्षमता रखती है, जो टिटागढ़ से भी काफी ज्यादा है।
इसके पास 6,300 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑर्डर बुक है और लगभग 6,500 वैगन की सप्लाई अभी बाकी है। कंपनी की रन-रेट क्षमता भी काफी तेज है और यह हर महीने करीब 1,000 वैगन बना सकती है। हाल की तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन यह गिरावट बहुत ज्यादा नहीं है। आने वाले समय में भी रेलवे की तरफ से कई नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है, जिससे कंपनी की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
Titagarh Rail vs Texmaco Rail
अगर Titagarh और Texmaco Rail को एक साथ देखा जाए, तो दोनों की अपनी-अपनी खूबियां हैं। टिटागढ़ का ऑर्डर बुक बहुत बड़ा है और यह पैसेंजर कोच भी बनाती है, जो इसकी एक बड़ी मजबूती है। लेकिन इसकी उत्पादन क्षमता टेक्समाको जितनी नहीं है।
दूसरी तरफ टेक्समाको के पास सबसे बड़ी वैगन बनाने की क्षमता है और मार्केट शेयर भी सबसे ज्यादा है। इसकी रन-रेट भी काफी तेज है और यह लगातार बड़े ऑर्डर हासिल करती जा रही है। दोनों कंपनियों का कर्ज कम है, लेकिन प्रोडक्शन के आधार पर टेक्समाको थोड़ी आगे दिखती है। वहीं, ऑर्डर बुक और बड़े प्रोजेक्ट्स के मामले में Titagarh Rail Systems मजबूत है।
किसकी पकड़ ज्यादा मजबूत दिखती है
भारतीय वैगन मार्केट में दोनों कंपनियां बहुत मजबूत स्थिति में हैं। Titagarh Rail Systems के पास बड़े प्रोजेक्ट और भारी ऑर्डर बुक है, लेकिन मौजूदा समय में इसकी रेवेन्यू गिरावट चिंता बढ़ाती है। Texmaco Rail & Engineering की उत्पादन क्षमता ज्यादा है और इसका मार्केट शेयर भी बड़ा है, इसलिए यह प्रैक्टिकली ज्यादा मजबूत दिखाई देती है। आगे किस कंपनी को ज्यादा फायदा मिलेगा, यह नए रेलवे ऑर्डरों और कंपनी की उत्पादन गति पर निर्भर करेगा।
(यह जानकारी केवल समझाने के लिए है। इसे निवेश सलाह न समझें। निवेश करने से पहले अपनी तरफ से जांच जरूर करें।)