Small Cap Penny Share : पटेल इंजीनियरिंग (Patel Engineering) एक स्मॉलकैप कंपनी है, जो सिविल कंस्ट्रक्शन के काम करती है। पिछले कुछ समय से इसके शेयर दबाव में थे और लगातार गिरावट देखी जा रही थी। लेकिन गुरुवार को इस शेयर ने अचानक तेज उछाल दिखाया। कंपनी का शेयर BSE पर करीब 14% बढ़कर 37.90 रुपये तक पहुंच गया। यह तेजी ऐसे समय में आई है जब इस साल इस कंपनी के शेयर 27% से ज्यादा टूट चुके थे। लंबे समय से कमजोरी देखने के बाद जब शेयर ने एक ही दिन में इतनी बड़ी छलांग लगाई, तो निवेशकों में फिर से उम्मीद जाग गई।
कंपनी को मिले बड़े ऑर्डर
कंपनी की यह तेजी किसी अफवाह की वजह से नहीं, बल्कि एक बड़े कारण से आई है। पटेल इंजीनियरिंग को कुल 798.19 करोड़ रुपये के दो बड़े ऑर्डर मिले हैं। ये दोनों ऑर्डर छत्तीसगढ़ में कोयले की खुदाई और उसके ट्रांसपोर्ट से जुड़े काम के लिए दिए गए हैं। यह लेटर ऑफ इंटेंट साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लिए सैडैक्स इंजीनियर्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से जारी किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर के हसदेव एरिया में झिरिया वेस्ट ओपन कास्ट प्रोजेक्ट पर अगले नौ साल तक काम किया जाएगा। इतनी बड़ी अवधि और इतनी बड़ी रकम के कॉन्ट्रैक्ट ने निवेशकों का भरोसा कंपनी पर फिर से मजबूत कर दिया है।
पिछले कुछ सालों का शेयर प्रदर्शन
हालांकि पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों पर काफी दबाव रहा है, लेकिन अगर लंबे समय का चार्ट देखा जाए तो कंपनी ने अच्छा रिटर्न दिया है। पिछले पांच साल में पटेल इंजीनियरिंग के शेयर 253% तक चढ़ चुके हैं। नवंबर 2020 में जहां इसका शेयर करीब 10.69 रुपये था, वहीं नवंबर 2025 में यह 37.90 रुपये पर पहुंच गया। यानी पांच साल में कंपनी ने कई गुना बढ़त दिखाई। पिछले चार साल में भी शेयर ने 88% की तेजी दी है। हालांकि पिछले एक साल में यह 28% से ज्यादा टूटा है, लेकिन लंबे समय के हिसाब से कंपनी का प्रदर्शन कमजोर नहीं कहा जा सकता।
52 हफ्ते के स्तर और कंपनी की स्थिति
कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का ऊपरी स्तर 59.50 रुपये है, जबकि निचला स्तर 31.60 रुपये रहा है। फिलहाल शेयर इन दोनों के बीच ट्रेड कर रहा है। गुरुवार को कंपनी का मार्केट कैप 3200 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया, जो इस आकार की कंपनी के लिए एक मजबूत संकेत है। इसी के साथ कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 36.11% है, जबकि 59.50% शेयर पब्लिक के पास हैं। यह दिखाता है कि कंपनी में निवेशकों की अच्छी भागीदारी बनी हुई है।
(यह जानकारी केवल सामान्य समझ के लिए है। इसे किसी तरह की निवेश सलाह न समझें। निवेश करने से पहले अपनी जांच जरूर करें।)