अनिल अंबानी की अगुवाई वाली कंपनियां, Reliance Power (RPower) और Reliance Infrastructure, इन दिनों फिर से चर्चा में हैं। कुछ समय से दोनों कंपनियों के शेयर बहुत ज्यादा हलचल नहीं दिखा रहे थे, लेकिन अब अचानक इनमें अच्छी तेजी देखने को मिली है। बीएसई में रिलायंस पावर का शेयर 5.2% चढ़कर 39.15 रुपये के इंट्रा-डे हाई तक पहुंच गया। वहीं रिलायंस इंफ्रा के शेयर पर 5% का अपर सर्किट लग गया और यह 159 रुपये के इंट्रा-डे हाई तक पहुंच गया।
इन शेयरों की हालत पिछले एक साल में उतनी मजबूत नहीं रही है। रिलायंस इंफ्रा का 52 वीक लो 149.85 रुपये है, जबकि इसका 52 वीक हाई 425 रुपये रहा है। इसका मतलब है कि शेयर अभी भी अपने पुराने ऊंचाई स्तर से काफी नीचे हैं। कंपनी का मार्केट कैप फिलहाल करीब 6497 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। दूसरी तरफ रिलायंस पावर का 52 वीक हाई 76.49 रुपये और 52 वीक लो 31.30 रुपये है। ट्रेडिंग के दौरान करीब 33.77 लाख शेयरों की खरीद-बिक्री हुई, जो दिखाता है कि निवेशकों की रुचि अचानक बढ़ी है।
Reliance Infrastructure की मौजूदा आर्थिक स्थिति
कुछ ही दिनों पहले कंपनी ने सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए थे, जिनसे पता चलता है कि कंपनी अभी भी आर्थिक दबाव झेल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी का नेट प्रॉफिट 1911 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 50% कम है। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने 4082 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। इस बार रेवन्यू भी पहले से कम रहा।
जुलाई से सितंबर की अवधि में कंपनी का रेवन्यू 14% घटकर 6235 करोड़ रुपये पर आ गया। पिछले वित्त वर्ष की इस तिमाही में यही आंकड़ा 7258.50 करोड़ रुपये था। इन नतीजों को देखकर साफ समझ आता है कि कंपनी को कारोबार में चुनौतियां मिल रही हैं और उसके लिए पहले जैसा प्रदर्शन करना आसान नहीं रहा है। इसके बावजूद शेयरों में आई तेजी यह दिखाती है कि बाजार कभी-कभी उम्मीदों के आधार पर भी प्रतिक्रिया देता है।
Reliance Power (RPower) ने दिखाया बेहतर प्रदर्शन
रिलायंस पावर की तरफ से जारी किए गए सितंबर तिमाही के नतीजे कुछ हद तक सकारात्मक रहे। कंपनी ने बताया कि टैक्स देने के बाद उनका प्रॉफिट 87 करोड़ रुपये रहा। यह उनके लिए बड़ा बदलाव है, क्योंकि पिछले साल इसी तिमाही में उन्हें 352 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस बार कंपनी को कुल 2067 करोड़ रुपये की कमाई भी हुई, जो यह बताती है कि कंपनी धीरे-धीरे अपने कामकाज को सही दिशा में ला रही है। हालांकि कंपनी की वित्तीय हालत अभी भी बहुत मजबूत नहीं कही जा सकती, लेकिन घाटे से मुनाफे में आना एक अच्छा संकेत माना जाता है। यही वजह है कि निवेशकों का भरोसा थोड़ा बढ़ा और शेयरों में अचानक उछाल आया।
(यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यहां दी गई जानकारी को निवेश सलाह न समझें। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से जरूर सलाह लें।)